पंचायतों के पुनर्गठन का तुगलकी फरमान, पंचायत चुनाव टालने की कवायद: विनय गुप्ता ने लिया आड़े हाथों...

पंचायतों के पुनर्गठन का तुगलकी फरमान, पंचायत चुनाव टालने की कवायद: विनय गुप्ता ने लिया आड़े हाथों...

अक्स न्यूज लाइन नाहन  26 अक्तूबर  :  

हिमाचल प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनय कुमार ने हिमाचल की सुक्ख सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने गत दिवस लोकतंत्र की सरासर हत्या करने का तुगलकी फैसला किया है जिसके तहत नई पंचायतों के गठन का बहाना बनाकर पंचायती राज चुनाव टालने का नया जरिया ढूंढा जा रहा है। 

इससे पहले इस सरकार ने पंचायती राज चुनाव टालने के लिए प्रदेश में आई आपदा के बारे में अनेक जिले के उपायुक्तों से पत्र लिखवा कर सरकार को प्रस्ताव भिजवाए कि वर्तमान परिस्थितियों में सड़कों की दुर्दशा और बरसात की आपदा के कारण पंचायती राज चुनाव करवाना संभव नहीं है और इस संदर्भ में प्रदेश के मुख्य सचिव से आपदा प्रबंधन परिस्थितियों का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित करने का नोटिफिकेशन जारी करवाया। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कभी प्रदेश के पंचायती राज मंत्री समय पर चुनाव करवाने का बयान देते हैं और कभी प्रदेश के अधिकारी चुनाव टालने के अध्यादेश जारी करते हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि यह सरकार पंचायती राज अधिनियम के साथ न केवल खिलवाड़ कर रही है अपितु प्रदेश के लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रही है। 

विनय गुप्ता ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम के 73वें और 74वें संशोधन में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने का प्रावधान किया गया है परंतु यह सरकार पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाकर इन संस्थाओं को कमजोर करने के प्रयास कर रही है । उन्होंने कहा कि इससे पूरे प्रदेश में पंचायत की विकास प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित होगी और पंचायती राज संस्थाएं कमजोर होगी। 

उन्होंने कहा कि यह हिमाचल के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब कोई सरकार अनेक प्रकार के बहाने बनाकर पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव टालने का कुप्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लगभग एक वर्ष पूर्व इस सरकार ने प्रदेश के कोने-कोने से नई पंचायतों के गठन के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे परंतु एक वर्ष के दौरान एक भी पंचायत का गठन नहीं किया गया और अब मंत्रिमंडल नई पंचायत के गठन का बहाना बनाकर चुनाव टालने का नया फंडा खड़ा कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि इससे सरकार द्वारा सरेआम लोकतंत्र की हत्या की जा रही है । 

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पूरे प्रदेश में दिसंबर में होने वाले पंचायती राज चुनाव के मध्य नजर मतदाता सचिया भी संशोधित की जा चुकी है और अब अगर सरकार फिर से नई पंचायत के गठन का बहाना बनाकर चुनाव रोकना चाहती है तो ऐसे में पंचायत के गठन के बाद नई पंचायतों के सीमांकन के साथ-साथ वार्डबंदी आदि की प्रक्रिया भी दोबारा से करनी होगी और मतदाता सूचियाँ भी फिर से तैयार करवानी होगी और दूसरी तरफ पंचायती राज संस्थाओं की आरक्षण की प्रक्रिया भी फिर से शुरू करनी पड़ेगी। 

ऐसे में प्रदेश सरकार न केवल चुनाव टालने का  प्रयास कर रही है अपितु प्रदेश पर अनावश्यक आर्थिक बोझ लादने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग इस निकम्मी सरकार  के ढुलमुल  रवैये से परेशान हो चुके हैं और इस सरकार को शीघ्र चलता करने की इंतजार में बैठे हैं।