मंत्री द्वारा मारपीट R.O.W 30 मी. विवाद : प्रदेश सरकार कटघरे में : विवेक शर्मा

अक्स न्यूज लाइन सोलन 2 जुलाई :
भाजपा प्रवक्ता विवेक शर्मा ने भट्ठा कूफर शिमला स्थित मारपीट विवाद पर कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है। हिमाचल प्रदेश पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध द्वारा मारपीट का जो मामला नेशनल हाईवे अथॉरिटी के कर्मचारियों के साथ आया है वह बेहद चौंकाने वाला है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने भी संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को पत्र लिखा है। पीड़ित एवं घायल टेक्निकल प्रबंधक के बयान के अनुसार ,(R.O.W the right of way.) राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित मार्गों की दूरी अगर 30 मीटर से अधिक है उसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्रबंधन उत्तरदाई नहीं है जो मूल विवाद और चर्चा का विषय होना चाहिए पहाड़ी राज्यों के लिए। लेकिन हिमाचल सरकार के मंत्री रोडरेज( सड़क मारपीट) विवाद की घटना की तरह व्यवहार कर रहे हैं। जबकि शिमला में एक भवन का गिर जाना गंभीर विषय है जो पूरे हिमाचल प्रदेश ही नहीं, भारत के समस्त 9 पहाड़ी राज्यों की व्यवस्था को प्रभावित करता है। जबकि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की 3D GPS मैपिंग करवा रही है। जो भूमि कटाव से लेकर खड़े पहाड़ों के निर्माण की भौगोलिक स्थिति को स्पष्ट करेगा। गत वर्ष 2006 एवं 2007 में पालमपुर विश्वविद्यालय द्वारा इसका आविष्कार किया गया था।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी को कटघरे में खड़ा करने से पहले मंत्री महोदय को हिमाचल प्रदेश के रेवेन्यू विभाग से डीमार्केशन की रिपोर्ट तलब करने की जरूरत थी। पी डब्ल्यू डी विभाग से कंटूरिंग मैपिंग मांगने की आवश्यकता थी। उसके बाद अगर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने अपना अधिकार क्षेत्र से बाहर काम किया है तो उन पर अतिक्रमण का मुकदमा दर्ज होता है। लेकिन शिक्षा के अभाव में मंत्री महोदय ने आपा खो दिया । केंद्र द्वारा प्रस्तावित 3D मैपिंग की योजना पूर्ण होने तक जो आम जानता को प्रताड़ना हो रही है इसकी चर्चा तो विधानसभा के मध्य होनी चाहिए और एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजने की आवश्यकता है। हिमाचल प्रदेश की नेशनल हाईवे अथॉरिटी भूमि अधिकरण से पहले BHUVAN पोर्टल की रिपोर्ट को स्थानीय रेवेन्यू विभाग से प्रमाणित करवा के भूमि अधिग्रहण का आधार बनाऐ। लेकिन हिमाचल सरकार में बैठे हुए जनप्रतिनिधि मावलियों की तरह पेश आ रहे हैंऔर अभी अभी अपना बनवास काट के आए शिमला के एस.पी गांधी, महात्मा बनने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि सर्वप्रथम मंत्री के साथ गए पुलिस के अधिकारी स्थानीय थाना प्रभारी, मंत्री के सुरक्षा कर्मी, एस.डी.एम व अन्य प्रशासनिक अधिकारी को भी उपरोक्त FIR क्रम संख्या नंबर 0089 थाना ढली दिनांक 30/6/2025 का हिस्सा क्यों नहीं बनाया गया है। यह अपने आप में बड़ा सवाल है और पुलिस की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है
दूसरी औरहिमाचल प्रदेश के मंत्री नेशनल हाईवे अथॉरिटी को अपने ही लोगों को ठेके देने के लिए दबाव डालते हैं। यहां स्वयं पूर्व कांग्रेस विधायक कतार में खड़े नजर आते हैं। इस प्रकार का व्यवहार केवल निंदनीय ही नहीं दुर्भाग्यपूर्ण भी है। और यह प्रदेश की कानून व्यवस्था को अपराधिक गतिविधियों में परिवर्तित करने में प्रोत्साहन दे रहा है।जो हिमाचल प्रदेश के युवा पीढ़ी को अपराध की ओर आकर्षित कर रहा है। किसी प्रभावित या पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए सरकार के पास अनेक प्रकार के साधन और न्याय प्रक्रियाएं उपलब्ध रहती हैं। लेकिन शिक्षा के अभाव में कांग्रेस के मंत्री का यह कृत निंदनीय ही नहीं कांग्रेस की मानसिकता को भी दर्शाता है और प्रदेश की कानून व्यवस्था की लाचारी पर भी प्रश्न खड़े करता है। भारतीय जनता पार्टी प्रभावितों पीड़ितों के साथ खड़ी है। हम माननीय नितिन गडकरी जी को भी इस पूरे प्रकरण की जानकारी जिम्मेदारी से बताने के लिए वचनबद्ध है लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी प्रदेश की जनता के हित के लिए विधानसभा चर्चा का प्लेटफॉर्म है। न्यायालय इंसाफ का, लेकिन अगर फैसला मारपीट से करने हैं तो राज्यपाल महोदय को हस्तक्षेप करते हुए हिमाचल में सरकार को निलंबित करने की सिफारिश करने का समय आ गया है।