राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड ने कमाया ऐतिहासिक 315 करोड़ रुपए का लाभ

सत्ता में आने के बाद पहले दिन से ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने ‘आर्थिक सुधार और सुशासन’ को प्राथमिकता दी है और कई घंटों तक अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर जारी रहा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश देते हुए, सभी सरकारी उपक्रमों को अपने कार्यों में व्यावसायिक दक्षता लाने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करने को कहा। विद्युत बोर्ड ने सरकार के इस विजन को धरातल पर उतारते हुए वित्तीय अनुशासन, खर्च में कटौती और राजस्व सुधार के माध्यम से इस उपलब्धि को हासिल किया।
राज्य सरकार की पहल पर, बोर्ड अपने कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ देने में भी सक्षम बना है। बोर्ड की वित्तीय स्थिति बेहतर होने के बाद वित्त वर्ष 2024-25 में कर्मचारियों और पेंशनरों को वित्तीय लाभ देने के लिए ग्रेच्युटी, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, संशोधित पेंशन एरियर, एवं अवकाश नकदीकरण जैसे मदों के लिए 368.89 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जो पिछले वर्ष केवल 87.56 करोड़ रुपए थी। केवल 31 जुलाई 2025 तक ही इन मदों में 187.86 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जो राज्य सरकार की संवेदनशीलता और कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए एचपीएसईबीएल प्रबंधन, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह राज्य सरकार की स्पष्ट नीति, ईमानदार प्रशासन और जन कल्याणकारी दृष्टिकोण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य में भी सभी सार्वजनिक उपक्रमों में सुधारात्मक कदम उठाती रहेगी, जिससे प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाते हुए जनता को सस्ती और बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से बोर्ड पूर्ण रुप से आत्मनिर्भर बनेगा, जिसका लाभ कर्मचारियों, अधिकारियों और प्रदेश की जनता को भी होगा।
राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में भी सुधार लाए, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा के मामले में 16 राज्यों को पछाड़ कर 21वें स्थान से 5वें स्थान तक पहुंचा है, इसका श्रेय भी मुख्यमंत्री के सशक्त नेतृत्व, मजबूत इच्छाशक्ति और दूरदर्शिता को जाता है।