रैगिंग रोकने के लिए बनाया गया है बहुत ही कड़ा कानून: अभिषेक गर्ग

इस अवसर पर प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए अभिषेक गर्ग ने कहा कि रैगिंग एक ऐसी कुप्रथा है, जिसने देश भर के शिक्षण संस्थानों में कई युवा छात्रों की जान ली है और कई युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। उन्होंने बताया कि रैगिंग रोकने के लिए भारत में एक बहुत ही कड़ा कानून बनाया गया है। इसमें रैगिंग के दोषी विद्यार्थी या अन्य व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है और उसे तीन साल तक की सजा व जुर्माना हो सकता है।
एडीसी ने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि आईएचएम हमीरपुर में आज दिन तक रैगिंग का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। उन्हांेने कहा कि इस तरह का मैत्रीपूर्ण माहौल न केवल वर्तमान छात्रों की भलाई सुनिश्चित करता है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए एक मूल्यवान उदाहरण़ भी है। एडीसी ने उपस्थित सभी छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारी वर्ग से संस्थान के परिसर को रैगिंग मुक्त बनाए रखने और इसे एक आदर्श शैक्षणिक संस्थान बनाने के लिए इस तरह के प्रयासों को जारी रखने का आह्वान किया।
इस अवसर पर संस्थान के विभागाध्यक्ष पुनीत बंटा ने भी प्रशिक्षुओं को रैगिंग के दुष्प्रभावों से अवगत करवाया और रैगिंग को रोकने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कड़े कानून तथा संस्थान में किए गए विभिन्न प्रबंधों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने सभी छात्रों को रैगिंग न करने की शपथ दिलाई तथा शिक्षकों व कर्मचारी वर्ग से आग्रह किया कि रैगिंग से संबंधित अगर कोई भी घटना उनके समक्ष होती है तो उसे तुरंत उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए।
पुनीत बंटा ने बताया कि संस्थान में एंटी रैगिंग सप्ताह के दौरान मैत्रीपूर्ण वॉलीबाल मैच, पेपर टॉवर स्प्रिंट रिले मनोरजंक गतिविधि, लघु फिल्म वृत्तचित्र का प्रदर्शन, रैगिंग विरोधी शपथ, एंटी रैगिंग लघु नाटक और अन्य गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।