अक्स न्यूज लाइन नाहन 7 दिसंबर :
अरिहंत इंटरनेशनल विद्यालय, नाहन में शिक्षकों की रचनात्मक एवं प्रभावी शिक्षण क्षमता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कला एकीकरण पर आधारित एकदिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वंदना के साथ गरिमामयी वातावरण में हुआ। इस प्रशिक्षण में अम्बाला तथा प्रदेश के 26 शिक्षकों , व विद्यालय के शिक्षकों सहित कुल 60 शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
प्रशिक्षण की शुरुआत विद्यालय की निदेशक एवं प्रधानाचार्या देविंदर साहनी द्वारा औपचारिक स्वागत से हुई। जिसमें पुष्प गुच्छ व उपहार प्रदान किए गए। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि कला एकीकरण शिक्षण को ज्ञानार्जन की पारंपरिक सीमाओं से आगे ले जाकर विद्यार्थियों के हृदय, मस्तिष्क और संवेदनशीलता—तीनों को जोड़ता है। यह पद्धति विद्यार्थियों में आत्म-अभिव्यक्ति, रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच का समन्वित विकास करती है।
कार्यक्रम में दो अनुभवी रिसोर्स पर्सन पूनम आनंद, वरिष्ठ सामाजिक विज्ञान अध्यापिका, आर्मी पब्लिक स्कूल चंडीमंदिर, एवं पूजा बत्रा, प्राचार्या, सेंट लॉरेन्स इंटरनेशनल स्कूल, जगाधरी तथा सीबीएसई प्रमाणित प्रशिक्षक ने अपने ज्ञान और अनुभव से शिक्षकों को समृद्ध किया।
पूनम आनंद ने कला एकीकरण को विषय की गहन समझ विकसित करने का प्रभावी माध्यम बताते हुए अभिनय, भूमिका-निर्वहन, परिकल्पना-चित्रण तथा माइंड मैप निर्माण जैसी तकनीकों के उदाहरण प्रस्तुत किए।
पूजा बत्रा ने समझाया कि कला आधारित गतिविधियाँ विद्यार्थियों की जिज्ञासा, सहभागिता और प्रस्तुति कौशल को अत्यधिक बढ़ाती हैं तथा जटिल सिद्धांतों को भी सरल रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सत्र के दौरान शिक्षकों ने पोस्टर निर्माण, माइंड मैप, रोल-प्ले, कला-आधारित मॉडल, समूह-गतिविधियाँ एवं स्थानीय लोक–कलाओं के प्रयोग जैसी गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया। इन अभ्यासों ने यह अनुभव कराया कि कला कक्षा-कक्ष को अधिक आकर्षक, जीवंत और सहभागितापूर्ण बनाती है।
विद्यालय के चेयरमैन अनिल जैन तथा महासचिव सचिन जैन ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि सभी शिक्षकों को जीवन भर सीखने वाला बनने के लिए बधाई दी है, जो 21वीं सदी के ऐसे ग्लोबल नागरिक तैयार कर रहें हैं जो कई तरह की बुद्धिमत्ता हासिल करके जीवन के हर क्षेत्र में सफल होंगे।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी, प्रेरणादायक और व्यवहारिक बताया तथा अपने शिक्षण में कला एकीकरण को अपनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।