कृषि को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दे रही बढ़ावा - कृषि मंत्री

प्रो. चंद्र कुमार आज यहां विकसित कृषि संकल्प अभियान (विकेएसए) के तहत भारतीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला में “राज्य कृषि रोड मैप एवं रबी एक्शन प्लान” विषय पर आयोजित एक दिवसीय क्षेत्रीय कार्यशाला में अपने विचार साझा कर रहे थे।
किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए दूध की कीमतों में की ऐतिहासिक बढ़ोतरी
कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए दूध की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है। साथ ही, ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण किया जा रहा है, जिसका संचालन डेयरी डेवलपमेंट अथॉरिटी करेगी। इस प्लांट में बने उत्पादों पर ट्रेडमार्क हिमाचल का होगा।
उन्होंने कहा कि सिंचाई प्रबंधन और विपणन संबंधों को मजबूत करना भी कृषि विकास की प्राथमिकताओं में शामिल है। प्रदेश में कृषि-जलवायु की पहचान कर विविधता लाने की आवश्यकता है। साथ ही, कीटनाशकों का न्यूनतम प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहें।
कृषि मंत्री ने सभी विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वह आपसी समन्वय से कार्य करें ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाया जा सके।
सचिव, कृषि एवं बागवानी सी. पाल रासु ने विभागीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए इस योजना में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
तकनीकी सत्रों की रूपरेखा
पहला सत्र में विश्वविद्यालयों के दृष्टिकोण से कृषि रोड मैप, कृषि प्राथमिकताओं एवं कार्य नीतियों पर चर्चा हुई। पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय एवं नौणी बागवानी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने राज्य की कृषि चुनौतियों और अवसरों पर प्रस्तुतिकरण दिया। दूसरे सत्र में आईसीएआर से जुड़े विभिन्न अनुसंधान संस्थानों जैसे डीएमआर सोलन, आईआईडब्ल्यूबीआर शिमला, आईएआरआई और एनबीपीजीआर के वैज्ञानिकों ने कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन और अनुसंधान-आधारित रणनीतियों पर अपने विचार रखे। तीसरे सत्र में राज्य सरकार के दृष्टिकोण से कृषि रोड मैप एवं कार्य नीतियों पर चर्चा हुई। इसमें कृषि विभाग, बागवानी विभाग, प्राकृतिक खेती, पशुपालन विभाग, राज्य बीज एवं ऑर्गेनिक उत्पाद प्रमाणन एजेंसी और मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के निदेशकों ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ठोस सुझाव दिए। इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालयों, विभिन्न विभागों और आईसीएआर संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।