अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी से कर्तव्यों का करें निर्वहन : डीजीपी
उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों की कार्यकुशलता और योगदान की प्रशंसा की तथा उनके मनोबल को बढ़ाने हेतु सुझाव दिए। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें, क्योंकि अधीनस्थ कर्मचारी ही विभाग की वास्तविक नींव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उचित नेतृत्व प्रदान करना वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी है।
भव्य परेड एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में एसडीआरएफ के जवानों ने लाईफ सेविंग विषय पर डेमो प्रस्तुत किया। पुलिस बैंड की शानदार धुनों ने समारोह में विशेष रंग भरे। सहायक उप-निरीक्षक नरेश कुमार ने अपनी इन्स्ट्रुमेंटल प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन किया। इसके अतिरिक्त एकलव्य कला मंच के कलाकारों ने नशे के दुष्प्रभावोंपर प्रभावशाली नाटक का मंचन किया तथा पंजाबी भांगड़ा की ऊर्जावान प्रस्तुति ने समारोह में जोश और उत्साह का संचार किया।
इससे पहले वाहिनी के समादेशक डॉ0 खुशहाल शर्मा, भा0पु0से0 ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वाहिनी 15 सितम्बर 2000 को हिमाचल प्रदेश सरकार के आदेशानुसार स्थापित हुई थी। वित्त वर्ष 2000-2001 में 1007 पदों को स्वीकृति मिली। प्रारंभ में 05 मार्च 2001 को इसका मुख्यालय जंगलवेरी, जिला हमीरपुर में स्थापित किया गया, जिसे बाद में 10 मई 2006 को वर्तमान स्थान सकोह, जिला कांगड़ा में स्थानांतरित कर दिया गया।
समारोह में प्रिंसिपल पीटीसी डरोह एवं पुलिस उप-महानिरीक्षक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त समारोह में चतुर्थ भारतीय आरक्षित वाहिनी के कमांडेंट दिवाकर शर्मा, भा0पु0से0 पुलिस अधीक्षक कांगड़ा श्री अशोक रतन, आई0पी0एस0, पुलिस अधीक्षक देहरा मयंक चैधरी, आई0पी0एस0 तथा पुलिस अधीक्षक सीआईडी (इंटेलिजेंस) धर्मशाला रमन शर्मा विशेष रूप से उपस्थित हुए।
बहुभाषी कवि सम्मलेन और खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित




