तीर्थन घाटी कलवारी के देहुरी गांव में एम्बुलेंस रोड निर्माण अटका, ग्रामीणों ने जताई नाराज़गी।
तीर्थन घाटी गुशेनी बंजार(परस राम भारती):-
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा दूर-दराज और पहाड़ी क्षेत्रों के हर गांव को सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक आसानी से पहुंच मिल सके।
जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में आज भी कई गांव सड़क एवं परिवहन सेवा से नहीं जुड़ पाए हैं। ग्रामीण पर्यटन के लिए प्रसिद्ध यहाँ की तीर्थन घाटी में विभिन्न योजनाओं के तहत ग्रामीण संपर्क सड़क मार्ग और एम्बुलेंस रोड का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन इनमें से कई सड़कें ऐसी है जिनका निर्माण कार्य बजट मंजूरी के बाबजूद अटका हुआ है। सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाओं को धरातल पर उतारने में आखिर प्रशासन द्वारा बिलम्ब किया जा रहा है। इन सड़कों के बनने से ग्रामीण जन जीवन में मुलभुत सुविधा के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत कलवारी के देहुरी गांव में प्रस्तावित एम्बुलेंस रोड निर्माण कार्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ है।
ग्रामीणों के अनुसार यह सड़क देहुरी गांव के कई परिवारों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकती है, क्योंकि मौजूदा समय में किसी बीमार या वृद्ध व्यक्तियों को मुख्य सड़क तक पहुँचाने में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं।
स्थानीय निवासी लाल मन, मोहन लाल, रामदासी, दिनेश, दकशा देवी, शोभा देवी, भूवन, अनिरुद्ध, वीना सिंह, नीतू सिंह, राधा देवी, दीत राम, गुड्डी देवी, रीतमचंद, बंसारी लाल, आशा दत्त, रीना देवी, रविंद्र शर्मा, तेज सिंह, नरोत्तम राम और सुंदरलाल आदि ने बताया कि
गांव वासियों द्वारा वर्ष 2016 से ही इस एम्बुलेंस रोड की मांग की जा रही है। यह सड़क देहुरी में कलवारी सड़क से लिंक हो कर करीब आधा किलोमीटर आगे मोहन लाल के घर के पास तक बनाई जानी प्रस्तावित है।
लोगों ने बताया कि इस सड़क का निर्माण सरकारी भूमि पर बने रास्ते से होकर ही होना है जिसकी चौडाई दो कर्म करीब 10 फुट है। राजस्व विभाग की निशानदेही रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो चूका है कि इस सड़क निर्माण में किसी की निजी भूमि नहीं लगेगी। परन्तु कुछ लोग विना वजह कार्य में अड़ंगा डाल रहे है, जिस कारण सड़क निर्माण अटका हुआ है।
इस क्षेत्र में कई वरिष्ठ नागरिक, किसान बागवान रहते है और कुछ पर्यटन इकाईयां भी संचालित है, जो सड़क निर्माण न होने के कारण ग्रामीणों, बुजुर्गो, विद्यार्थिओं और पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस सड़क का निर्माण कार्य पिछले 3-4 वर्षों से अधर में अटका पड़ा है। ग्रामीणों के अनुसार इस सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2022-23 में 6 लाख रूपए तथा वर्ष 2023-24 में भी 6 लाख रुपय जिला परिषद फण्ड से स्वीकृत हुए थे, जो कि अब लेप्स हो चुके है। वर्तमान में भी इस सड़क निर्माण हेतु वर्ष 2025-26 के लिए जिला परिषद द्वारा 3 लाख रुपय स्वीकृत किया गया है जिसकी अबधि 31 मार्च 2026 तक है, परन्तु निर्माण कार्य आज दिन तक शुरू नहीं हो पाया है।
ग्राम पंचायत के वरिष्ठ नागरिकों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस एम्बुलेंस रोड का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करवाया जाए ताकि गांव के लोगों को बुनियादी सुविधा मिल सके। लोगों का कहना है कि यह सड़क सिर्फ एम्बुलेंस के लिए ही नहीं, बल्कि स्कूली बच्चों, बुजुर्गों, आम ग्रामीणों और पर्यटकों के आवागमन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा स्वीकृत योजनाएं धरातल पर उतरने में विलंब क्यों हो रहा है, इसका जवाब संबंधित विभागों को देना चाहिए। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि एम्बुलेंस रोड निर्माण कार्य में आ रही अड़चनों को जल्द दूर किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिल सके और स्वास्थ्य सेवाओं तक समय पर पहुँच सुनिश्चित हो। लोगों ने प्रशासन को आगाह किया है कि यदि समय रहते इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं होता तो मजबूरन माननीय उच्च न्यायालय शिमला में याचिका दायर करनी पड़ सकती है।



