छात्र राजनीति: भविष्य के नेताओं का निर्माण या समय की बर्बादी? लेखक : हर्षित मिन्हास (पूर्व अध्यक्ष अभाविप सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी)

छात्र राजनीति: भविष्य के नेताओं का निर्माण या समय की बर्बादी? लेखक : हर्षित मिन्हास (पूर्व अध्यक्ष अभाविप सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी)

अक्स न्यूज लाइन  मंडी, 7 अगस्त :
वर्तमान समय में राजनीति शब्द सुनकर ही अधिकांश लोग इसे दो पहलुओं में पिरोने लगते हैं। एक तरफ़ राजनीति को दलग़त और घृणा के भाव से देखने वाले लोग तो दूसरी ओर राजनीति में विशेष रुचि रखने वाले लोग दिखाई पड़ते हैं। इस राजनीति से भी ऊपर विभिन्न और विचित्र विचारों वाले मत हमें छात्र राजनीति के संदर्भ में देखने को मिलते हैं। छात्र राजनीति को अपने छात्र जीवन से गुज़र चुके अधिकांश लोग हीन भावना से देखते हैं। उनके अनुसार छात्र राजनीति समय व्यर्थ करने एवं गुंडागर्दी का माध्यम मात्र है। मेरी माने तो कुछ हद तक इन लोगों के विचार तार्किक व सही भी हैं। वर्तमान समय में देश-प्रदेश के अंदर छात्र राजनीति की बिगड़ती व्यवस्था को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कोई भी सामान्य मां-बाप अपने बच्चों को छात्र नेता बनता हुआ तो नहीं देखना चाहते। प्रत्येक व्यक्ति अपने छात्र जीवन में किए गए अनुभव के आधार पर छात्र राजनीति की परिभाषा गठित किए बैठा है। 

*लोगों के छात्र राजनीति को लेकर विभिन्न मत*
ऐसे में छात्र राजनीति के आधार पर हम लोगों को तीन वर्गों में बांट सकते हैं। पहला वह छात्र जिसनें अपने छात्र जीवन में राजनीति से दूरी बनाए रखी। इस पहले प्रकार के छात्र अक्सर छात्र राजनीति के विरोध में ही दिखाई पड़ते हैं, इनके अनुसार छात्र राजनीति समय बर्बाद करने का एक जरिया है। देश के लगभग 70 फीसदी व्यक्ति इसी श्रेणी में आते हैं। दूसरे वर्ग में वह लोग जिन्होंने छात्र राजनीति से पार्षद, विधायकी या इस से उच्च पद तक के सफ़र को पूरा किया। ऐसे व्यक्ति सदैव छात्र राजनीति के पक्ष में रहते हैं और इसमें इनका व्यक्तिगत लाभ भी जुड़ा होता है। तीसरा वर्ग उन व्यक्तियों का है जिन्होंने अपने छात्र जीवन में खूब राजनीति की परंतु पारिवारिक परिस्थितियों, आर्थिक स्थिति या अन्य किसी राजनैतिक कारणों से वे राजनीति में उतने सफ़ल नहीं हो पाए।

इस तृतीय वर्ग के लोगों का छात्र राजनीति को लेकर अधिकतम नकारात्मक रुख रहता है। ये प्रथम वर्ग के लोगों की भांति उतने विरोध में नहीं होते परन्तु ये छात्र राजनीति के प्रति नकारात्मक होते हैं। 
वर्तमान समय में इनमें से केवल द्वितीय वर्ग के लोग ही छात्र संघ चुनावों व छात्र राजनीति के भविष्य की बात कर रहे हैं। ऐसे व्यक्तियों की संख्या भी कम है और इनका प्रभाव भी अब कम होता हुआ नज़र आ रहा है। इन सब में मैं वर्तमान राजनैतिक संगठनों से जुड़े छात्रों की संख्या नहीं जोड़ रहा हूँ क्योंकि स्वाभाविक सी बात है वर्तमान छात्र नेता तो छात्र संघ चुनावों को बहाल करने पर ही अपना मत देंगे। मैं अपने अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूँ कि हिमाचल प्रदेश में छात्र संघ चुनावों की बहाली प्रत्येक छात्र संगठन चाहता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर नेता प्रतिपक्ष सभी छात्र राजनीति से ही उभर कर आए हैं इसके पश्चात भी छात्रों के ज्ञापनों में लिखी चुनाव बहाली की यह मांग दबी सी रहती है। ऐसे में छात्र राजनीति पर गहन विचार व चिंतन की आवश्यकता है। 


*खून से सनी छात्र राजनीति*
याद कीजिए क्यों और किस घटना के कारण छात्र संघ चुनाव प्रदेश में बंद हुए थे। उस समय छात्रों के बीच बढ़ती हुई खूनी झड़प को आज भी याद करें तो शिक्षा के मंदिर शर्मशार होने लगते हैं। ऐसी घटनाओं को स्मरण कर छात्र संघ चुनाव ना होना ही छात्र हित में नज़र आता है। कुछ छात्र संघ चुनाव समर्थकों का यह भी तर्क रहता है कि बिना चुनावों के भी पिछले कुछ सालों में लड़ाई झगड़े की घटनाएं सामने आई हैं तो छात्र संघ चुनावों को ऐसी लड़ाइयों का कारण नहीं माना जाना चाहिए। इस पक्ष के लोग चुनावों को कड़ी से कड़ी पुलिस निगरानी में करवाने का सुझाव शुरू से ही देते आएं हैं। वहीं प्रदेश की अधिकांश जनता लड़ाई झगड़ों की वजह से छात्र संघ चुनावों पर रोक लगाए रखने पर ही मत बनाए हुए है। 


*महंगी होती छात्र राजनीति व पश्चिमीकरण का प्रभाव*
एक और कारण जो छात्र राजनीति को दूषित करता जा रहा है वह है छात्र राजनीति का महंगा होता जाना। आज के समय दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में यह सुनना आम सा हो गया है कि फलाने प्रत्याशी ने लाखों व करोड़ों रुपए खर्च किए। जी हाँ छात्र राजनीति महंगी होती जा रही है और सोशल मीडिया के आने के बाद यह दर काफ़ी हद तक बढ़ गया है। आज एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला छात्र दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव जीतने में असमर्थ हो गया है। जिस राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास के ऋग्वैदिक काल में चार आश्रमों का वर्णन मिलता हो जिसका प्रथम आश्रम छात्र जीवन में सादगी व ब्रह्मचर्य पर आधारित हो ऐसे देश में वर्तमान समय में छात्र पश्चिमीकरण का शिकार हो चुके हैं और इसका सीधा असर छात्र राजनीति पर पड़ा है। आज के छात्रों को कोई युवा नेता तिलक लगाए पारंपरिक भेषभूषा में सादगी से भरा हुआ दिख जाए तो उसे पिछड़ा हुआ गवार कहकर किनारे कर दिया जाता है, उन्हें तो काली गाड़ी से उतरने वाला महंगी सफेद कमीज़ पहने पैसों वाला छात्र नेता चाहिए जो पश्चिम के विचारों से भरपूर हो। आम छात्र इस बात को समझे कि जिन छात्र नेताओं को वोट दे रहे हैं कल को यही छात्र नेता देश की बागडोर भी संभालेंगे, तो अपने छात्र नेता का चुनाव ज़रा समझ के साथ करें। 


*छात्र राजनीति क्यों जरूरी*
अभी तक हम छात्र राजनीति में आई कुरीतियों पर रोशनी डाल चुके हैं। परंतु अब अंत में सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि आख़िर छात्र राजनीति की आवश्यकता क्यों है? बिना छात्र संघ चुनावों के हम भविष्य के लिए मजबूत नेता तैयार करने में असमर्थ हो जायेगें। बिना छात्र राजनीति के आज के समय परिसरों से परिसर सक्रियता कम होती हुई नज़र आ रही है। छात्र संघ चुनाव अपने में ही छात्रों के लिए सीखने के हजारों अवसर है। चुनावों के दौरान कुछ छात्र भाषण देना सीखते हैं, कुछ छात्र नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से अभिनय को दर्शाते हैं। देशभक्ति व कुशासन के विरुद्ध लिखी गई अधिकतम कविताओं के अंश छात्र राजनीति में ही मिलते हैं। छात्र संगीत के माध्यम से भी अपनी कलाओं को प्रदर्शित करते हैं। छात्र संघ चुनावों का माहौल एक छात्र के जीवन में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन करता है। छात्र वाद विवाद के माध्यम से देश विदेश के मुद्दों पर चर्चा करते हैं। छात्र संगठनों की विचारधाराओं पर गहन चिंतन कर अपना मत देते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो अगर प्रशासन लड़ाई झगड़े और छात्रों के पैसा बहाने पर नियंत्रण रखे तो छात्र संघ चुनाव छात्रों के भविष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण अंग है। जरा सोचिए वर्तमान युवा जो आज के समय महाविद्यालयों में केवल अपनी दो कक्षाएं लगाकर घर भाग जाता है वह शिक्षा के अलावा परिसर से क्या सीख रहा है? मोबाइल फोन में उलझे छात्र का क्या भविष्य है? महाविद्यालयों के बाहर जुआ खेल रहे युवा का क्या भविष्य है? छोटी सी उम्र में इश्क़ में फंस रहे युवा का क्या भविष्य है? नशे की ओर बढ़ रहे युवा का क्या भविष्य है? इस से बेहतर छात्र संघ चुनावों को बहाल किया जाए ताकि छात्र पढ़ाई के अलावा भी जीवन में कुछ सीख पाए। 
संपर्क : 8278878404