सुक्खू सरकार कर्मचारी विरोधी : विनय गुप्ता

सुक्खू सरकार कर्मचारी विरोधी : विनय गुप्ता

अक्स न्यूज लाइन नाहन  08 सितम्बर :

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों पर एक और कुठाराघात करके यह साबित कर दिया है कि यह सरकार पूर्णत: कर्मचारी विरोधी है । यह आरोप  लगाते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनय गुप्ता ने बताया कि  इस सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा कर्मचारियों के कल्याण के लिए जारी उस अधिसूचना को वापस ले लिया है जिसके तहत कर्मचारियों को 2 वर्ष के कार्यकाल के बाद ग्रेड पे दिए जाने का प्रावधान था और प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में 10 से 15 हजार रुपए तक का इजाफा हो गया था।

विनय गुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार के वित्त विभाग द्वारा जारी इस तुगलकी फरमान से अब राज्य की  89 श्रेणियों के कर्मचारीयों का वेतन दोबारा से निर्धारित होगा और प्रत्येक कर्मचारी के मासिक वेतन में 10000 से ₹15000 की  कमी आऐगी। उन्होंने कहा कि इस तुगलकी फरमान ने कर्मचारियों की कमर तोड़ कर रख दी है और दिन-रात मेहनत करने वाले लाखों कर्मचारी का वेतन घटाया जा रहा है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने हमेशा कर्मचारियों के कल्याण के लिए कार्य किया है और इस निकम्मी सरकार ने अब हिमाचल प्रदेश सिविल सेवाएं संशोधित वेतन नियम 2025 की नई अधिसूचना जारी करके भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए 2022 के नियम 7(क) का लोप कर दिया है जिसके तहत वर्ष 2022 से ही कर्मचारियों की 89 श्रेणियों का वेतन घटा दिया गया है ।

उन्होंने कहा कि महंगाई के जमाने में कहां तो इस सरकार को मेहनतकश कर्मचारीयों के वेतन में बढ़ोतरी करनी चाहिए थी परंतु इस सरकार ने स्वयं को कर्मचारी विरोधी सरकार साबित करते हुए कर्मचारियों के मासिक वेतन में भारी कटौती करने का फरमान जारी किया है। विनय गुप्ता ने कहा कि देश और प्रदेश के इतिहास में यह पहली घटना है जब किसी सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी का वेतन घटाने का तुगलकी फरमान जारी किया है और यह फरमान इस सरकार के लिए बहुत महंगा साबित होगा और प्रदेश के कर्मचारी इस सरकार को कभी माफ नहीं करेंगे।