अक्स न्यूज लाइन काँगड़ा 26 दिसंबर :
एस.बी.आई कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन ( सम्बंधित सीटू ) से जुडे जिला कांगड़ा मे स्टेट बैक की विभिन्न शाखाओं में कार्यरत कैजुअल कर्मियों ने अन्धाधुंद व गैर कानूनी तरीके से किये गये तबादलों को रद्द करने की मांग को लेकर , स्टेट बैंक के आरबीओ कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया और बैक प्रबंधन के एकतरफा तानाशाही पुर्ण रवैये के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। युनियन ने अपनी मांगो को लेकर आर एम स्टेट बैक आफ इण्डिया को ज्ञापन सौंप कर बड़े पैमाने पर किये गये तबादलों को रद्द करने की मांग उठाई। रैली का नेतृत्व सीटू के जिला प्रधान केवल कुमार, जिला वित सचिव अशोक कटोच ,जिला उप प्रधान चतर सिंह, जिला कमेटी सद्स्य प्रताप सिंह, स्टेट बैक कांट्रेक्ट वर्कर्ज युनियन के जिला सयोंजक विनय कुमार ने किया। यूनियन ने प्रैस के नाम जारी नोट मे सीटू के जिला वित सचिव अशोक कटोच ने कहा कि बैंक प्रबंधन द्वारा किये जा रहे तबादले, श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन है और अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम 1970 के मूल सिद्दांतो के भी विरूध है । प्रबंधन वर्ग अपने कैजुअल वर्कर्ज का जम कर शोषण कर रहा है। उनसे सारा दिन अपनी ड्यूटी के अलावा बैंक के दूसरे नियमित काम लिये जाते है बैंक मे देर शाम 5 बजे के बाद भी काम लिया जाता है जिस का कोई ओवर टाईम नही दिया जाता, जबकि सालों से उनको मामूली वेतन दिया जा रहा है ।
आज के ज्ञापन के जरिये युनियन ने पूर्व मे केंद्रीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी की अध्यक्षता मे स्टेट बैंक, मजदूर यूनियन व बैंक के ठेकेदारो के बीच दिनांक 12 जून 2015, 6मार्च 2018 के अधीन किये गये समझौतों को लागू किया जाए तदानुसार 18 छुट्टीयोँ देने,कर्मचारी क्षतिपूर्ति ( मुआवजा) अधिनियम लागू करने,राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने, डबल ओवर टाईम का भुगतान सुनिश्चित करने, ठेकेदार के बदलने पर पुराने कर्मी की सेवाये जारी रखने , केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन देने व पिछला सारा एरियर देने, हर महीने वेतन भुगतान करने की मांग उठाई है । युनियन ने आरोप लगाया कि मुख्य नियोक्ता होने के नाते बैंक प्रबंधन का वैधानिक दायित्व है कि वो अपने ठेकेदारों से देश के कानूनो की अनुपालना सुनिश्चित करे लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि बैंक प्रबंधन खुद भी श्रम कानूनो के उल्लंघन की ठेकेदारों की गैर कानूनी कार्यवाहियों मे बराबर का भागीदार है। युनियन ने आरोप लगाया कि जबसे कैजुअल वर्कर्ज ने अपनी युनियन बना कर अपने जायज हक मांगने शुरु किये है तबसे प्रबंधन वर्ग कैजुअल वर्कर्ज को हतोत्साहित करने के लिये तरह तरह के हथकण्डे अपना रहा है हाल ही मे थोक के किये गये तबादलों के पीछे प्रबंधन वर्ग की मजदुर विरोधी मानसिकता ही काम कर रही हाई जिसे किसी भी कीमत पर सहन नही किया जाए गा। चेतावनी दी है कि अगर कैजुअल वर्कर्ज की मांगो को पुरा करने के लिये कदम नही उठाये जाते है और तबादलों को रद्द नही किया जाता है तो आने वाले दिनो मे आन्दोलन और तेज किया जाये गा जिस का सारा दायित्व ठेकेदारों के साथ साथ बैंक प्रबंधन पर होगा।